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एक अनोखी दोस्ती

शुरुआत

गांव के एक छोटे से कोने में, जहाँ हर सुबह सूरज की पहली किरणें पेड़ों की छांव में खेलती थीं, वहीं एक नन्हा बच्चा, आर्यन, अपनी दिनचर्या में मग्न रहता था। आर्यन को खेलना बहुत पसंद था, लेकिन उसके पास खेलने के लिए दोस्त नहीं थे। गांव के बाकी बच्चे खेलकूद में इतने व्यस्त थे कि वो उसे कभी शामिल नहीं करते थे।


एक दिन की कहानी        


एक दिन, आर्यन ने जंगल के पास एक पुरानी पेड़ की छांव में बैठकर अपने खिलौनों से खेलना शुरू किया। तभी अचानक, उसे एक छोटी सी आवाज सुनाई दी। "क्या तुम मुझे अपना दोस्त बनाओगे?" आर्यन ने चौंक कर इधर-उधर देखा, लेकिन किसी को नहीं पाया। आवाज फिर से आई, "मैं यहाँ, उस पेड़ के नीचे हूँ।"


आर्यन ने ध्यान से देखा, और पाया कि एक छोटी सी गिलहरी, जिसे उसने पहले कभी नहीं देखा था, उसके पास आई थी। "मेरा नाम चिकी है," गिलहरी ने कहा। "मैं यहाँ अकेली रहती हूँ और तुम्हारी तरह दोस्त की तलाश में हूँ।"


आर्यन की खुशी का ठिकाना न रहा। "बिलकुल! चलो, हम दोस्त बनते हैं!" 


दोस्ती का सफर

इसके बाद, आर्यन और चिकी हर दिन मिलते थे। वे साथ में खेलते, खाना तलाशते, और एक-दूसरे को अपनी कहानियाँ सुनाते। आर्यन ने चिकी को अपने खिलौनों से खेलाना सिखाया, जबकि चिकी ने आर्यन को जंगल में छिपे फलों और नट्स के बारे में बताया। 


एक दिन, आर्यन ने चिकी से कहा, "मैं चाहता हूँ कि तुम मेरे साथ गांव चलो। सब लोग तुम्हें पसंद करेंगे।" चिकी थोड़ी हिचकिचाई, "लेकिन मैं वहाँ नहीं जा सकती। लोग मुझे देखकर डर जाएंगे।" 


आर्यन ने उसे आश्वासन दिया, "कोई नहीं डरेगा। मैं तुम्हारा दोस्त हूँ, और मैं तुम्हें बचा लूंगा।"


गांव में पहला कदम

अगली सुबह, आर्यन और चिकी गांव के लिए निकले। लोग पहले तो चौंके, लेकिन आर्यन ने सबको बताया कि चिकी उसकी सबसे अच्छी दोस्त है। धीरे-धीरे, लोग चिकी को अपनाने लगे। बच्चों ने उसे अपने खिलौनों से खेलने दिया, और बड़े लोगों ने उसे खाने के लिए नट्स दिए।


निष्कर्ष


आर्यन और चिकी की दोस्ती ने न केवल उन्हें एक-दूसरे का सच्चा साथी बनाया, बल्कि गांव के लोगों के बीच भी एक नई भावना का संचार किया। उन्होंने सिखाया कि दोस्ती किसी भी रूप में हो सकती है, और असली मित्रता में जाति, प्रजाति या आकार की कोई बात नहीं होती।


इस कहानी ने हमें यह भी सिखाया कि हमें दूसरों को स्वीकार करने और उनके साथ समय बिताने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए। क्योंकि कभी-कभी, सबसे अनोखे दोस्ती सबसे खूबसूरत कहानियाँ बनाते हैं।


क्या आपने कभी किसी अनोखे दोस्त से दोस्ती की है? हमें अपनी कहानी बताएं!

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