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"तारों की दुनिया और घर की यादें"


बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम था अर्जुन। अर्जुन एक साधारण लड़का था, लेकिन उसकी आँखों में सपनों की चमक थी। उसे तारे गिनने और आसमान में उड़ने का बहुत शौक था। हर रात, वह अपने घर की छत पर जाकर आकाश की ओर देखता और सोचता कि क्या सच में वहाँ कहीं कोई जादुई दुनिया है।


एक रात, जब वह तारे गिन रहा था, उसने एक चमकती हुई तारा देखी, जो अचानक उसके पास आकर रुकी। तारे ने अर्जुन से कहा, "मैं एक जादुई तारा हूँ। तुम्हारी इच्छा पूरी करने के लिए आई हूँ।"


अर्जुन हैरान रह गया। उसने कहा, "मैं आसमान में उड़ना चाहता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मैं उन तारों के बीच जा सकूँ।"


तारे ने मुस्कुराते हुए कहा, "ठीक है, लेकिन तुम्हें अपने दिल में साहस रखना होगा।"


अर्जुन ने सहमति दी। तारे ने उसे अपने प्रकाश में लपेट लिया और उसे आसमान की ओर ले जाने लगा। धीरे-धीरे, अर्जुन ने खुद को तारे के बीच पाया। वहाँ, उसने अपने सपनों की दुनिया देखी। आसमान में उड़ने वाले परियों, चमकते ग्रहों और जादुई जीवों का नज़ारा अद्भुत था।


परंतु, कुछ समय बाद अर्जुन को एहसास हुआ कि उसने अपने गाँव को छोड़ दिया है। उसके परिवार और दोस्तों की याद आ रही थी। उसने तारे से कहा, "मैं वापस जाना चाहता हूँ। मुझे अपने परिवार की याद आ रही है।"


तारे ने समझाते हुए कहा, "सपने और जादू की दुनिया में रहना मजेदार है, लेकिन तुम्हारी असली खुशियाँ तुम्हारे परिवार और दोस्तों में हैं।"


अर्जुन ने सहमति दी। तारे ने उसे वापस गाँव भेज दिया। जब वह वापस आया, तो उसने अपने अनुभव को सबको बताया। अब वह केवल तारे नहीं गिनता था, बल्कि अपने परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताता था।


इस अनुभव ने उसे सिखाया कि सपनों का पीछा करना जरूरी है, लेकिन असली खुशियाँ अपने लोगों के साथ होती हैं। और इस तरह, अर्जुन ने अपने गाँव में एक अनोखी कहानी बनाई, जो पीढ़ी दर पीढ़ी सुनाई जाती रही।


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